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गुस्ताखी माफ-पाकिस्तान साफ !!!

AGLI DUNIYA carajeevgupta.blogspot.in
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हाल ही मे पाकिस्तानी सेना के आतंकवादियों ने देश की सीमा पर तैनात 17 वीर जवानो की जिस तरह से कायरता पूर्वक हत्या की है, उससे पूरा देश आग बबूला हो रहा है. नेताओं की घिसी पिटी बयानबाज़ी के साथ साथ सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा है, जिसका शीर्षक है-“गुस्ताखी माफ-पाकिस्तान साफ.” इस संदेश का भाव यह है कि दीपावली से पहले हमे अपने शस्त्रागार की नियमित सफाई शुरु कर देनी चाहिये और इसी सफाई मे एक दो छोटे मोटे परमाणु बम पाकिस्तान की तरफ अगर गलती से भी फेंक दिये जाएं तो इस खतरनाक आतंकी देश का सफाया तुरंत ही हो जायेगा. यह बात हालांकि लोगों ने अपने गुस्से का इज़हार करने के लिये लिखी है लेकिन जिस सफाई का देश की जनता को काफी समय से इंतज़ार है, अगर उस सफाई को फटाफट अंज़ाम दे दिया जाये तो पाकिस्तान की सिट्टी पिट्टी खुद ब खुद गुम हो जायेगी और वह अपने आप लाइन पर आ जायेगा.


मज़े की बात यह है कि जिस सफाई का देश की जनता को काफी समय से इंतज़ार है, उस सफाई के प्रति मोदी सरकार बिल्कुल भी गंभीर दिखाई नही दे रही है- यह वही सफाई है जिसकी चर्चा मैं अपने लेखों मे अक्सर करता रहता हूँ. ऐसी कौन सी सफाई है, जिसे हम अगर देश के अंदर ही करनी शुरु कर दें तो पाकिस्तान के हौसले पस्त हो जायेंगे, उसका जिक्र मैं आगे करने जा रहा हूँ.


पाकिस्तान का सफाया करने के लिये हमे अपने देश के अंदर सफाई कैसे करनी है, उसके लिये सरकार को नीची लिखी बातों पर गंभीरता से कार्यवाही करनी होगी :


* धारा 370 हटाने और देश मे समान आचार संहिता लागू करने के लिये सरकार को उसी तरह से सक्रिय होना पड़ेगा जिस तरह से सरकार जी एस टी को पास करने के लिये सक्रिय हुई थी.


* कश्मीरी लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं और पाकिस्तान का झंडा लाल चौक पर अक्सर फहराते है और हमारी सरकार देशवासियों से टैक्स के रूप मे वसूली हुई अरबों खरबों की धनराशि को इन देशद्रोही कश्मीरियों और उनके नेताओं के ऊपर बड़ी बेदर्दी के साथ उड़ा रही है. इन सभी लोगों को सेना के हवाले अब तक क्यों नही किया गया है ? ना रहेगा बांस-ना बजेगी बांसुरी !!


* देश के कुछ राज्यों से कुछ होनहार छात्र जो राजनीति विज्ञान को “रसोई कला” समझते हैं, वे अच्छे अंकों से पास होकर “टॉपर” बनकर देश की कुछ नामी गिरामी शिक्षा संस्थाओं मे रिसर्च स्कॉलर बन जाते हैं-ये रिसर्च स्कॉलर दिन के वक्त आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु और याकूब मेमन की तस्वीरों पर मालाएँ अर्पित करके “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाते हैं और पुलिस अगर उन्हे गिरफ्तार करती है तो देश के कुछ नामी गिरामी वकील उन्हे बचाने के लिये और जमानत पर रिहा कराने के लिये अपनी एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं- ऐसे लोगों पर मोदी सरकार कार्यवाही कब करेगी क्योंकि इन्ही की वज़ह से पाकिस्तान के हौसले बुलंद हैं. यही तथाकथित रिसर्च स्कॉलर रात के वक्त विश्‍वविद्यालय परिसर मे लगी “कन्डोंम वेन्डिंग मशीनों” का दुरुपयोग करते हैं. शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले इन शिक्षण संस्थानों मे “कन्डोंम वेन्डिंग मशीने” लगाकर सरकार आखिर किस तरह की शिक्षा देना चाहती है, उसका जबाब ना पिछली सरकारों के पास था, और वर्तमान सरकार भी उसके जबाब से बचती फिर रही है.


* जो लोग देश के अलग अलग शिक्षा संस्थानो और दूसरी जगहों पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, कभी कभी इन लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया जाता है( और बाद मे उन्हे ससम्मान जमानत पर रिहा भी करवा दिया जाता है), लेकिन जो राजनेता इन लोगों का समर्थन खुले तौर पर करते हैं, उन पर देशद्रोह का मामला क्यों नही चलाया जाता है ?


पिछले दिनो जब आतंकी याकूब मेमन को फांसी की सज़ा दी गयी थी, तब काफी पाकिस्तान-प्रेमियों ने राष्ट्रपति जी से उसकी माफी की गुहार लगाई थी-जब इन लोगों की अपील राष्ट्रपति ने नामंज़ूर कर दी तो यह लोग रात के दो बजे सुप्रीम कोर्ट आतंकी याकूब मेमन को बचाने के लिये पहुंच गये. जब सुप्रीम कोर्ट ने भी इन्हे कोई राहत नही दी तो इन लोगों ने यह कहना शुरु कर दिया कि इस देश मे जबरदस्त”असहिष्णुता” का माहौल है- इसी खीज़ और झल्लाहट के चलते इन लोगों ने और इनके कहने पर इनके साथियों ने अपने अपने पुरस्कारों को वापस करना शुरु कर दिया-कुछ लोगों को उनकी पत्नी ने यह भी कह दिया कि अब इस देश मे रहना ठीक नही है और उन्हे जल्द से जल्द यह देश छोड़ देना चाहिये. जाहिर तौर पर यह सभी लोग कोई देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम का काम तो कर नही रहे थे, लेकिन हमेशा की तरह सरकार ने इन सब लोगों के खिलाफ कोई भी एक्शन नही लिया और इसकी वजह से ना सिर्फ इन लोगों के,बल्कि पाकिस्तान के हौसले भी बुलंद हो गये.


जा सकती है कि सरकार अगर ऊपर लिखे हुये कार्यों को फटाफट अंज़ाम देकर दोषियों को अगर सज़ा दिलवाने ( जमानत दिलवाने मे नही) कामयाब रहती है, तो पाकिस्तान के हौसले खुद ब खुद पस्त हो जायेंगे और हमे शायद अपने परमाणु बमों को भी इस नाकाबिल देश पर बर्बाद करने की जरूरत ना पड़े. मोदी सरकार का जो रवैया पिछले दो ढाई सालों से चल रहा है, उसे देखकर यही लगता है कि सरकार पाकिस्तान को डराने धमकाने के लिये यह आसान रास्ता तो कदाचित नही अपनाएगी और कोरी बयानबाज़ी करके अपने लिये मुश्किलों का पहाड़ खड़ा कर लेगी.

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